ना जाने मेरा दिल कहां खो गया है
आज पहली बार समझ में आया कि
मेरा दिल तेरा हो गया है।
खो गई इन आंखों की नीन्द
और चैन कहीं खो गया है।
आज पहली बार समझ में आया कि
मेरा दिल तेरा हो गया है।
जाड़े कि गुनगुनी धूप में
बारिश की हरेक बून्द में
तेरा ही अक्स नज़र आता है
फूलों की खुश्बू में भी तुम हो मुझे पता है।
जबसे तुम्हें देखा
सारा समां रंगीन हो गया है।
आज पहली बार समझ में आया कि
मेरा दिल तेरा हो गया है।
हर पल चाहे मेरा दिल
तुझको ही देखा करूं
जब तुम नहीं हो मेरे पास
तुमको ही सोचा करूं।
ये प्यारा-प्यारा चेहरा जिस दिन से देखा है,
ज़िन्दा हूं पर जां कोई और ले गया है।
आज पहली बार समझ में आया कि
मेरा दिल तेरा हो गया है।
बहुत बढ़िया!
ReplyDeletekabiletarif...!
ReplyDeletedil jawan hai fir kya kahna!
ReplyDeleteसुन्दर रचना के लिए धन्यवाद.
ReplyDeleteभावनाओं और शब्दों संगम
ReplyDeleteआपको को धन्यवाद..
waah......
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